मर्द
मर्द अगर औरत पर हाथ उठाए तो ज़ालिम ,
औरत से पिट जाये तो बुजदिल
औरत को किसी के साथ देख कर लड़े तो इर्शालू,
अगर कुछ न कहे तो बेघैरत
अगर घर से बहार रहे तो आवारा ,
घर में रहे तो नाकारा
बचों को डांटे तो ज़ालिम ,
न डांटे तो लापरवाह
हाय मर्द बेचारा जिसके जीवन मे सिर्फ दर्द ही दर्द है
और उपरसे कहते है की मर्द वही होता है जिसको दर्द नही होता
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